Mahakumbh 2025
प्रयागराज | महाकुंभ 2025 के मौनी अमावस्या स्नान के दौरान संगम तट पर हुई भगदड़ में अब तक 35 से 40 लोगों की मौत की आशंका जताई जा रही है, जबकि सरकार ने 30 मृतकों की पुष्टि की है। इस घटना में 60 से अधिक श्रद्धालु घायल हुए हैं। हादसे के 17 घंटे बाद सरकार ने आधिकारिक आंकड़े जारी किए।
मंगलवार देर रात करीब 1:30 बजे यह हादसा हुआ, जब लाखों श्रद्धालु संगम में अमृत स्नान के लिए उमड़े थे। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, बैरिकेड्स टूटने और भीड़ के बढ़ते दबाव के कारण भगदड़ मच गई।
17 घंटे बाद सरकार ने जारी किए आंकड़े, 25 शवों की पहचान
मेला अधिकारी विजय किरण आनंद और डीआईजी वैभव कृष्णा ने शाम 6:30 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस कर 3 मिनट में 30 मौतों की पुष्टि की। 25 शवों की पहचान हो चुकी है, जिनमें –
- उत्तर प्रदेश: 19 श्रद्धालु
- कर्नाटक: 4 श्रद्धालु
- गुजरात और असम: 1-1 श्रद्धालु
डीआईजी वैभव कृष्णा ने बताया कि कुछ बैरिकेड्स गिरने से सो रहे श्रद्धालु कुचल गए, जिससे भगदड़ बढ़ गई।
प्रशासन का बयान: “जो श्रद्धालु आए हैं, उन्हें वापस भेजने की प्रक्रिया चल रही है। अब सवाल न करें।” – विजय किरण आनंद, मेला अधिकारी
हादसे के बाद शहर में कड़ी पाबंदियां
भगदड़ के बाद प्रशासन ने कई सख्त कदम उठाए हैं –
✅ 8 प्रमुख बॉर्डर सील – भदोही, चित्रकूट, कौशांबी, फतेहपुर, प्रतापगढ़, जौनपुर, मिर्जापुर की सीमाएं बंद
✅ नो-व्हीकल ज़ोन घोषित – महाकुंभ क्षेत्र में किसी वाहन की अनुमति नहीं
✅ वन-वे ट्रैफिक लागू – स्नानार्थियों को अलग-अलग रास्तों से निकाला जा रहा
✅ चार पहिया वाहनों पर रोक – 4 फरवरी तक प्रयागराज में चार पहिया वाहनों की एंट्री बैन
भगदड़ की दो प्रमुख वजहें
1️⃣ अमृत स्नान के कारण कई पांटून पुल बंद थे
➡️ लाखों श्रद्धालु संगम तट पर इकट्ठा हो गए, जिससे भीड़ अनियंत्रित हो गई।
➡️ बैरिकेड्स में फंसकर कुछ लोग गिर गए, जिससे भगदड़ मच गई।
2️⃣ एंट्री और एग्जिट के रास्ते अलग नहीं थे
➡️ लोग एक ही रास्ते से आ और जा रहे थे, भगदड़ के दौरान भागने का मौका नहीं मिला।
➡️ श्रद्धालु एक-दूसरे पर गिरते गए, जिससे हताहतों की संख्या बढ़ी।
PM मोदी, CM योगी ने जताया शोक, विपक्ष ने साधा निशाना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
“महाकुंभ में हुए हादसे से बेहद दुखी हूं। मृतकों के परिजनों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं हैं। घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं।”
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
“श्रद्धालु संगम तट पर ही स्नान की न सोचें। गंगा हर जगह पवित्र है, वे जहां हैं वहीं स्नान करें।”
राहुल गांधी (कांग्रेस)
“VIP कल्चर और सरकार की बदइंतजामी के कारण भगदड़ मची।”
अखिलेश यादव (सपा)
“महाकुंभ को सेना के हवाले कर देना चाहिए।”
श्रद्धालुओं से प्रशासन की अपील
➡️ संगम पर अनावश्यक भीड़ न बढ़ाएं।
➡️ प्रशासन के निर्देशों का पालन करें।
➡️ अलग-अलग घाटों पर स्नान करें।
क्या यह हादसा प्रशासनिक लापरवाही का नतीजा था?
महाकुंभ जैसे आयोजन में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम जरूरी होते हैं। लेकिन इस हादसे ने प्रबंधन की खामियों को उजागर कर दिया है। क्या प्रशासन इस भगदड़ से सबक लेकर आगे बेहतर इंतजाम करेगा?
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