Interview Kira Chukicheva
भारत भूषण | नमस्ते न्यूज नेटवर्क
कलाकार सिर्फ मंच पर नहीं, बल्कि अपने अनुभवों, यात्राओं और जीवन के प्रति दृष्टिकोण से भी पहचाने जाते हैं। रूस में जन्मीं और बचपन से ही रंगमंच से जुड़ी किरा चुकिचेवा एक बहुआयामी कलाकार हैं। अभिनेत्री, लेखिका और यात्रा प्रेमी किरा ने अपने जीवन में थिएटर से लेकर लेखन तक कई विधाओं में काम किया है। लेकिन भारत से उनका एक खास जुड़ाव है, जो उन्हें बार-बार यहाँ खींच लाता है।
थिएटर की दुनिया से शुरुआत करने वाली किरा ने बच्चों के लिए नाट्यशाला चलाई और अब लेखन में भी सक्रिय हैं। अपनी यात्राओं और अनुभवों के माध्यम से वे दुनिया को अलग नज़रिए से देखती हैं। हमने उनसे उनके निजी जीवन, करियर, भारत के प्रति उनके विशेष आकर्षण और भविष्य की योजनाओं को लेकर खास बातचीत की।
साक्षात्कार
व्यक्तिगत जीवन और यात्रा
भारत भूषण: शुरुआत के लिए, क्या आप हमें अपने बचपन और रूस में बिताए गए दिनों के बारे में बता सकती हैं?
किरा चुकिचेवा: मैं रूस के उत्तर में पैदा हुई, लेकिन दक्षिण में बड़ी हुई। मैंने अपने जीवन का एक हिस्सा यूक्रेन के एक छोटे से गाँव में बिताया। मैंने एक सामान्य स्कूल और एक संगीत विद्यालय में पढ़ाई की, साथ ही एक थिएटर स्टूडियो में भी प्रशिक्षण लिया।
भारत भूषण: आपने कई देशों की यात्रा की है—आपका पसंदीदा देश कौन सा है और क्यों?
किरा चुकिचेवा: अब तक मैंने बहुत अधिक देशों की यात्रा नहीं की है, लेकिन मुझे जॉर्जिया और भारत बहुत पसंद हैं। ये दोनों देश बेहद रंगीन और मेहमाननवाज हैं।
भारत भूषण: क्या कोई यात्रा अनुभव ऐसा था जिसने आपके नजरिए को गहराई से बदल दिया?
किरा चुकिचेवा: हाँ, मेरी पिछली भारत यात्रा मेरे लिए बहुत खास थी। इसने मेरे जीवन को ‘पहले’ और ‘बाद’ में बाँट दिया। इसे कई लोग ‘जागृति’ भी कहते हैं।
भारत भूषण: आपने भारत आने का निर्णय कैसे लिया? अब तक का अनुभव कैसा रहा है?
किरा चुकिचेवा: मैं हमेशा भारत आती रहती हूँ, मुझे यह देश बहुत पसंद है! यहाँ की संस्कृति और लोग मेरे दिल के बहुत करीब हैं।
भारत भूषण: भारतीय संस्कृति का कौन सा पहलू आपको सबसे ज्यादा आकर्षित करता है?
किरा चुकिचेवा: भारत का हर हिस्सा अनोखा है। यहाँ पहाड़, समुद्र, रेगिस्तान और जंगल सबकुछ है। मेरी यह यात्रा मेरे दोस्त यूजीन के साथ शुरू हुई, ताकि हम इस विविधता को अपनी आँखों से देख सकें। भारतीय संस्कृति बहुत समृद्ध है और इसकी प्राचीन परंपराएँ आज भी जीवंत हैं। यह बहुत ही रोमांचक अनुभव है!
अभिनय करियर
भारत भूषण: आप एक अभिनेत्री हैं—यह सफर कैसे शुरू हुआ? क्या आपको बचपन से ही अभिनय में रुचि थी?
किरा चुकिचेवा: मैंने बचपन में एक थिएटर स्टूडियो में प्रशिक्षण लिया। मुझे मंच, चमकदार वेशभूषा और सेट बहुत पसंद थे। मैंने अपने शहर के थिएटर कॉलेज से स्नातक किया और फिर बच्चों के लिए एक थिएटर स्टूडियो भी खोला।
भारत भूषण: अलग-अलग देशों में काम करते समय आपको किन चुनौतियों का सामना करना पड़ा?
किरा चुकिचेवा: मुझे विदेश में शूटिंग का कोई अनुभव नहीं है। शायद यही कारण है कि मैं अब यहाँ हूँ! अब समय आ गया है इसे शुरू करने का! (हँसी में)
भारत भूषण: भारत में काम करने का अनुभव आपके अन्य अनुभवों से कैसे अलग रहा है?
किरा चुकिचेवा: मुझे थिएटर में हास्यपूर्ण भूमिकाएँ निभाना बहुत पसंद है। इससे लोग मुस्कुराते हैं, और मुझे खुश, हंसते हुए लोग देखना बहुत अच्छा लगता है।
लेखन और आपकी किताब
भारत भूषण: आप एक किताब लिख रही हैं—क्या आप इसकी विषयवस्तु साझा कर सकती हैं और आपको इसकी प्रेरणा कहाँ से मिली?
किरा चुकिचेवा: मैंने यह किताब दो साल पहले भारत में लिखनी शुरू की थी। इससे पहले भी लिखने का विचार था, लेकिन मुझे विश्वास नहीं था कि मैं इसे पूरा कर पाऊँगी। यह किताब लोगों की कहानियों पर आधारित है, जो कहीं न कहीं हमें कुछ सिखाती हैं। ये परीकथाओं जैसी हैं लेकिन इनका एक गहरा भावनात्मक और उपचारात्मक प्रभाव होता है।
भारत भूषण: आपकी यात्राएँ आपके लेखन को कितना प्रभावित करती हैं?
किरा चुकिचेवा: अगर हम बहुत तेजी से यात्रा करते हैं, तो मेरे लिए लिखना मुश्किल हो जाता है। लिखने के लिए समय और सही माहौल चाहिए। लेकिन हर जगह कुछ न कुछ खास होता है, जो प्रेरणा देता है।
भारत में अनुभव
भारत भूषण: भारत में आपका पसंदीदा स्थान कौन सा है और क्यों?
किरा चुकिचेवा: हम अभी भारत की यात्रा शुरू कर रहे हैं, इसलिए किसी पसंदीदा स्थान के बारे में कहना जल्दबाजी होगी। लेकिन मुझे यहाँ की विविधता बहुत पसंद है!
भारत भूषण: क्या आपका कोई पसंदीदा भारतीय व्यंजन है?
किरा चुकिचेवा: भारतीय खाना अपने आप में एक कला है! मसाला चाय हमारी विशेष पसंद है! मैं इसे घर पर भी बनाती हूँ और इसके लिए विशेष मसाले लाती हूँ।
प्रेरणा, लक्ष्य और व्यक्तिगत विचार
भारत भूषण: आपकी सबसे बड़ी प्रेरणा का स्रोत क्या है?
किरा चुकिचेवा: मेरी प्रेरणा लोग हैं। उनकी कहानियाँ, उनके अनुभव। यात्रा के दौरान मुझे हमेशा खास लोग मिलते हैं, जो मेरी सोच को समृद्ध बनाते हैं।
भारत भूषण: जो युवा अभिनय या लेखन को करियर बनाना चाहते हैं, उनके लिए आपका क्या संदेश होगा?
किरा चुकिचेवा: मैं युवा पीढ़ी से कहना चाहूँगी कि वे अपने सपनों को साकार करें। उन पर विश्वास करें और अपने लक्ष्य की ओर बढ़ें।
मनोरंजक प्रश्न
भारत भूषण: अगर आपको एक दिन के लिए कोई सुपरपावर मिल जाए, तो आप क्या करेंगी?
किरा चुकिचेवा: मैं समय में यात्रा करना चाहूँगी। दिनभर महान लोगों से बातचीत करूंगी और अद्भुत जगहों पर जाऊँगी!
भारत भूषण: यात्रा के दौरान आपका सबसे मजेदार या अजीब अनुभव क्या रहा?
किरा चुकिचेवा: एक बार, एक स्की रिसॉर्ट में, हम बिना होटल के रह गए। हमारे दोस्त का जन्मदिन था और होटल बुकिंग किसी और शहर में हो गई थी!
भारत भूषण: अपने जीवन की यात्रा को एक शब्द में कैसे व्यक्त करेंगी?
किरा चुकिचेवा: “रोमांचक!”
किरा चुकिचेवा की कहानी सिर्फ एक अभिनेत्री या लेखिका की नहीं, बल्कि एक खोजी आत्मा की भी है। उनका सफर यह दिखाता है कि जीवन में अनुभव और सीख सबसे महत्वपूर्ण हैं। भारत से उनका विशेष जुड़ाव और यहाँ की संस्कृति के प्रति उनका प्रेम स्पष्ट रूप से झलकता है। नमस्ते न्यूज नेटवर्क के लिए यह बातचीत न सिर्फ प्रेरणादायक थी, बल्कि जीवन और कला के प्रति एक नए दृष्टिकोण को भी सामने लाती है।
(भारत भूषण | नमस्ते न्यूज नेटवर्क)
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