Hanuman Jayanti 2025
विश्राम मुद्रा में संकट मोचन: रांचरडा में हनुमान जयंती पर ऐतिहासिक आयोजन की तैयारी
नमस्ते न्यूज़ नेटवर्क विशेष रिपोर्ट
अहमदाबाद, गुजरात – 12 अप्रैल 2025 को अहमदाबाद के शीलज क्षेत्र के समीप रांचरडा गांव स्थित संकट मोचन महावीर हनुमान मंदिर में हनुमान जयंती का एक दिव्य, भव्य और ऐतिहासिक आयोजन होने जा रहा है। यह आयोजन न केवल श्रद्धा का, बल्कि सेवा, संस्कृति और समर्पण का एक ऐसा अनूठा संगम प्रस्तुत करेगा, जो भविष्य में धार्मिक आयोजनों के लिए आदर्श बन सकता है। इस मंदिर की विशेषता यह है कि यहां हनुमान जी विश्राम मुद्रा में विराजमान हैं—भारत के उन गिने-चुने चार मंदिरों में से एक, जहां प्रभु इस विलक्षण स्वरूप में पूजे जाते हैं।
मंदिर का ऐतिहासिक और आध्यात्मिक महत्व
23 अगस्त 2024 को नीम करोली बाबा की आध्यात्मिक प्रेरणा से इस मंदिर की स्थापना की गई। संकट मोचन महावीर हनुमान मंदिर न केवल एक धार्मिक केंद्र है, बल्कि यह सेवा और मानव कल्याण की मिसाल भी बन चुका है। मंदिर ट्रस्ट के मार्गदर्शक डॉ. प्रवीण गर्ग, जो स्वयं एक प्रतिष्ठित चिकित्सक हैं, इस मंदिर को अपने जीवन की साधना मानते हैं। उनका कहना है कि नीम करोली बाबा की कृपा से यह स्थान केवल पूजा-पाठ तक सीमित नहीं है, बल्कि सेवा, शुचिता और समर्पण का जीवंत केंद्र बन गया है।
विश्राम मुद्रा में भगवान हनुमान: एक दुर्लभ दिव्यता
यह मंदिर भगवान हनुमान की उस दुर्लभ विश्राम मुद्रा का प्रतीक है जिसमें वे सभी कार्यों को पूर्ण कर विश्रांति की अवस्था में हैं। छह फीट लंबी प्रतिमा में उनकी आँखें बंद हैं और चेहरे पर अनुपम शांति व्याप्त है। ऐसा स्वरूप भारत में केवल चार स्थानों पर मिलता है और इस मंदिर को देखने मात्र से ही भक्तों को आध्यात्मिक ऊर्जा और शांति की अनुभूति होती है।
आयोजन का शुभारंभ: भक्तिमयी शोभायात्रा
12 अप्रैल की सुबह 7 बजे एक विशाल और आकर्षक शोभायात्रा निकाली जाएगी, जो रांचरडा गांव की गलियों से होते हुए मंदिर परिसर तक पहुंचेगी। शोभायात्रा में पारंपरिक लोक वाद्य, भजन मंडलियों, सजे हुए रथ, पुष्पवर्षा और साधु-संतों की उपस्थिति इसे अनुपम स्वरूप प्रदान करेगी। श्रद्धालु भावविभोर होकर “जय बजरंग बली” के जयकारे लगाते चलेंगे।
भक्ति रस से सराबोर: सुंदरकांड पाठ और हनुमान चालीसा
शोभायात्रा के पश्चात मंदिर परिसर में सुंदरकांड पाठ का आयोजन होगा, जो तीन घंटे तक चलेगा। सैकड़ों श्रद्धालु एक साथ बैठकर सामूहिक पाठ करेंगे। साथ ही, मंदिर प्रांगण में गूंजती हनुमान चालीसा और राम भजनों से संपूर्ण वातावरण आध्यात्मिक ऊर्जा से भर उठेगा।
सेवा कार्यों का संगम: जल परब और राम रोटी सेवा रथ
हनुमान जयंती के अवसर पर मंदिर ट्रस्ट द्वारा ‘जल सेवा परब’ का शुभारंभ किया जाएगा, जिसमें यात्रियों और राहगीरों को ठंडे पेयजल की सुविधा दी जाएगी। डॉ. प्रवीण गर्ग इस सेवा को ‘पानी सेवा यज्ञ’ की संज्ञा देते हैं।
वहीं दूसरी ओर, ‘राम रोटी सेवा रथ’ प्रतिदिन 200 जरूरतमंदों को भोजन उपलब्ध कराता है, परंतु इस शुभ अवसर पर यह संख्या 500 तक बढ़ा दी जाएगी। साथ ही, कपड़े, चप्पल, दैनिक उपयोग की सामग्री और बच्चों के लिए स्टेशनरी का वितरण किया जाएगा।
साधु-संतों का दिव्य सान्निध्य
गुजरात और आसपास के राज्यों से कई ख्यातिप्राप्त संत आयोजन में भाग लेंगे। संत रामशरणदास महाराज, तुलसीगिरी महाराज, और प्रभुदत्ताचार्य जी जैसे संत अपने प्रवचनों के माध्यम से श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक ज्ञान और प्रेरणा देंगे। साथ ही, स्थानीय जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों की उपस्थिति से आयोजन को सामाजिक समर्थन भी प्राप्त होगा।
सुरक्षा और व्यवस्था: सुगठित और समर्पित प्रशासन
हजारों श्रद्धालुओं के संभावित आगमन को ध्यान में रखते हुए पुलिस, ट्रैफिक कंट्रोल और नगरपालिका द्वारा व्यापक व्यवस्था की गई है। महिला सुरक्षा बल, विशेष पार्किंग व्यवस्था, प्राथमिक चिकित्सा केंद्र और स्वच्छता व्यवस्था इस आयोजन को सुचारु रूप से संचालित करने में सहयोग करेगी।
संध्या की भक्ति यात्रा: भजन संध्या और नाट्य मंचन
शाम को होने वाली भजन संध्या में गुजरात के प्रख्यात कलाकार जैसे श्री गिरीराज संगीत समूह, राघवेंद्र भजन मंडली और सुरेश गोस्वामी प्रस्तुति देंगे। इसके अतिरिक्त, ‘हनुमान लीलाएं’ नामक नाटिका का मंचन किया जाएगा जिसमें स्थानीय बाल कलाकार हनुमान जी की जीवनगाथा को सजीव करेंगे।
डॉ. प्रवीण गर्ग ने बताया कि मंदिर ट्रस्ट भविष्य में एक गौशाला, वृद्धाश्रम, संस्कारशाला और एक आयुर्वेदिक चिकित्सालय स्थापित करने की दिशा में कार्य कर रहा है। यह सभी परियोजनाएं ग्रामीण समुदाय को धार्मिक, सामाजिक और स्वास्थ्य लाभ देने के उद्देश्य से आरंभ की जा रही हैं।
हरियाणा से पधारी रमा देवी भावुक होकर कहती हैं, “यहाँ की सेवा और भक्ति देखकर लगता है जैसे साक्षात हनुमान जी की कृपा प्राप्त हो रही है। मन को ऐसी शांति और संतोष कहीं नहीं मिला।”
नमस्ते न्यूज़ नेटवर्क की विशेष झलक
हमारी संवाददाता टीम ने मंदिर परिसर का दौरा किया और पाया कि यहाँ की हर गतिविधि में अनुशासन, सेवा भावना और श्रद्धा झलक रही है। ट्रस्ट के सदस्य, स्वयंसेवक और ग्रामीण समुदाय एक संगठित टीम की भांति आयोजन को सफल बनाने में जुटे हुए हैं।
रांचरडा का यह आयोजन एक बार फिर यह प्रमाणित करेगा कि जब धर्म के साथ सेवा और संस्कार का समन्वय होता है, तब वह आयोजन केवल धार्मिक नहीं, सामाजिक जागरूकता और मानवीयता की प्रेरणा बन जाता है। हनुमान जयंती 2025 का यह पर्व पूरे गुजरात ही नहीं, पूरे देश के लिए एक अनुकरणीय मिसाल बनेगा।