Manoj Kumar Passed Away: अभिनेता मनोज कुमार को लेकर एक दुखद खबर सामने आ रही है। 87 साल की उम्र में उन्होंने मुंबई के कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल में अपनी अंतिम सांस ली है।
मुंबई | 4 अप्रैल 2025
भारतीय सिनेमा के दिग्गज अभिनेता, निर्देशक और पटकथा लेखक मनोज कुमार का आज निधन हो गया। 87 वर्ष की उम्र में उन्होंने अंतिम सांस ली, जिससे फिल्म जगत और उनके प्रशंसकों के बीच शोक की लहर दौड़ गई।
‘भारत कुमार’ के नाम से मशहूर मनोज कुमार ने अपने करियर में कई ऐसी फिल्में दीं, जो देशभक्ति की भावना से ओतप्रोत थीं और दर्शकों के दिलों में हमेशा के लिए जगह बना गईं। ‘उपकार’, ‘पूरब और पश्चिम’, ‘रोटी, कपड़ा और मकान’ और ‘क्रांति’ जैसी फिल्मों से उन्होंने सिनेमा में एक अलग पहचान बनाई।
एक सफर जो इतिहास बन गया
24 जुलाई 1937 को अविभाजित भारत के एबटाबाद (अब पाकिस्तान) में जन्मे मनोज कुमार का असली नाम हरिकृष्ण गिरी गोस्वामी था। भारत विभाजन के दौरान उनका परिवार दिल्ली आ गया, जहां उन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी की। बचपन से ही सिनेमा के प्रति उनका झुकाव रहा, और उन्होंने दिलीप कुमार से प्रेरित होकर अपना नाम ‘मनोज कुमार’ रखा।
देशभक्ति की मिसाल बने मनोज कुमार
1965 में आई ‘शहीद’ फिल्म में भगत सिंह का किरदार निभाकर उन्होंने खुद को एक गंभीर और संजीदा अभिनेता के रूप में स्थापित किया। इसके बाद ‘उपकार’ (1967) से उन्होंने न सिर्फ अभिनय किया, बल्कि निर्देशन में भी कदम रखा। इस फिल्म में उन्होंने एक किसान और सैनिक की दोहरी भूमिका निभाई, जो तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के ‘जय जवान, जय किसान’ नारे से प्रेरित थी।
इसके बाद आई ‘पूरब और पश्चिम’ (1970) और ‘रोटी, कपड़ा और मकान’ (1974) जैसी फिल्मों ने उनकी छवि एक ऐसे अभिनेता के रूप में बना दी, जिसने सिनेमा को सिर्फ मनोरंजन नहीं, बल्कि समाज के लिए एक सशक्त संदेश देने का जरिया बनाया।
पुरस्कार और सम्मान
उनके योगदान को सराहते हुए उन्हें कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया गया—
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दादा साहेब फाल्के पुरस्कार (2015) – भारतीय सिनेमा में योगदान के लिए
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पद्म श्री (1992)
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फिल्मफेयर लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड (1999)
अंतिम विदाई
मनोज कुमार के निधन की खबर से बॉलीवुड शोक में डूब गया है। अमिताभ बच्चन, धर्मेंद्र, शत्रुघ्न सिन्हा, हेमा मालिनी, अनुपम खेर सहित कई फिल्मी हस्तियों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
उनकी अंतिम यात्रा में सिनेमा जगत के साथ-साथ बड़ी संख्या में उनके प्रशंसक भी शामिल हुए। देशभक्ति के इस महान अभिनेता को नम आंखों से अंतिम विदाई दी गई।
“भारत कुमार” भले ही आज हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनका सिनेमा, उनका संदेश और उनका अमर योगदान हमेशा जिंदा रहेगा।