Sultanpur
सुलतानपुर। जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान, सुलतानपुर में 25 जनवरी 2025 से 31 जनवरी 2025 के मध्य नेतृत्व क्षमता संवर्धन प्रशिक्षण का आयोजन किया जाएगा। इस 5 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य जनपद के अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के प्रधानाचार्यों और शिक्षकों की नेतृत्व क्षमता को विकसित करना है।
प्रशिक्षण का शेड्यूल और उद्देश्य
डीआईओएस रविशंकर ने बताया कि यह प्रशिक्षण 25, 27, 28, 30 और 31 जनवरी 2025 को आयोजित किया जाएगा। जिला विद्यालय निरीक्षक द्वारा जारी आदेश के अनुसार, इस कार्यक्रम में प्रधानाचार्यों को नेतृत्व कौशल, विद्यालय प्रबंधन और शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए आधुनिक तकनीकों से परिचित कराया जाएगा।
सेवा निवृत्त होने वाले शिक्षकों के लिए विशेष प्रावधान
जिन प्रधानाचार्यों की सेवा इस सत्र में समाप्त हो रही है या जो अगले सत्र में सत्र लाभ के आधार पर कार्यरत हैं, उन्हें निर्देश दिया गया है कि वे प्रशिक्षण में शामिल न हों। इसके स्थान पर, वे विद्यालय के वरिष्ठ शिक्षकों को प्रशिक्षण के लिए नामित कर सकते हैं।
- इंटरमीडिएट स्तर के विद्यालयों से प्रवक्ता और
- हाईस्कूल स्तर के विद्यालयों से सहायक अध्यापक प्रशिक्षण में शामिल हो सकते हैं।
महत्वपूर्ण निर्देश
प्रशिक्षण में प्रतिभाग करने वाले प्रधानाचार्य और शिक्षकों को निर्देश दिया गया है कि वे समय से प्रशिक्षण स्थल पर उपस्थित हों। कार्यक्रम की निगरानी और क्रियान्वयन के लिए जिला विद्यालय निरीक्षक ने सख्त निर्देश जारी किए हैं। सह विद्यालय निरीक्षक जटशंकर यादव, वरिष्ठ प्रवक्ता डायट हरिकेश यादव, प्राचार्य डायट डॉ. पारस नाथ की देखरेख में नेतृत्व क्षमता प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू हुआ। राजकीय विद्यालय तेंदुआकाजी के प्रधानाचार्य मोहम्मद रफीक और राजकीय विद्यालय टिकरी पन्ना के प्रधानाचार्य प्रधानाचार्य संतोष मिश्र इस प्रशिक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका में रहेंगे।
संबंधित अधिकारियों की प्रतिलिपि को भेजा गया आदेश
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के आदेश की प्रतिलिपि शिक्षा निदेशक (माध्यमिक) लखनऊ, जिलाधिकारी सुलतानपुर, संयुक्त शिक्षा निदेशक अयोध्या मंडल, और जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान के प्राचार्य को भेजी गई है।
नेतृत्व क्षमता संवर्धन के लिए महत्वपूर्ण कदम
जिला विद्यालय निरीक्षक ने कहा कि इस तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रम न केवल शिक्षकों की व्यक्तिगत और व्यावसायिक क्षमताओं को बढ़ाते हैं, बल्कि विद्यालयों की शिक्षा गुणवत्ता को भी सुधारते हैं।
यह प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रधानाचार्यों और शिक्षकों को शिक्षा के नए आयामों को समझने और अपने नेतृत्व कौशल को मजबूत करने का एक बेहतरीन अवसर प्रदान करेगा।